माँ
माँ
प्यार है दुलार है,
ममता का
वो संसार है.
वह धीर
है गंभीर है,
नदियों
सी वह अधीर है,
शीतल सरल समीर है.
ज्वाला के जैसी फटती है,
रक्षक के जैसी डटती है.
जीवन कठिन संवारती,
उज्वल भविष्य निखारती.
वह पुष्प
बनके है खिली,
खुशबू
हमें उससे मिली.
वह दीप
बनके जलती है,
दुनियां
को रोशन करती है.
माँ प्यार है दुलार है
ममता का वह संसार है.